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Thursday 16 July 2015

संस्कृत व्याकरण का इतिहास-3

संस्कृत व्याकरण [इतिहास]…
गतांक से आगे...

३.. भर्तृहरि
- इनको कुछ विद्वान्  अवन्ति नरेश विक्रमादित्य अनुज,कुछ कश्मीर निवासी,कुछ चुनार दुर्ग निवासी बताते है ।
- राजस्थान के अलवर जिले में आई सिलीसेढ़ झील के आस-पास का क्षेत्र इनकी तपस्थली मानी जाती है,यहाँ इनकी गुफा व मंदिर है ।
- कुछ विद्वान् इनको बौद्ध मतावलंबी मानते है ।
- बलदेव उपाध्याय इनका स्थितिकाल ४५० ईस्वी मानते है ।

- √रचनायें-
√महाभाष्यदीपिका
            ● महाभाष्य की प्राचीनतम टीका
             ● वर्तमान ने तीन पाद ही उपलब्ध
√वाक्यपदीयं
           ● तीन कांडों में विभक्त
                      १.ब्रह्म (आगम)
                       २.वाक्य
                        ३. प्रकीर्ण
√वाक्यपदीय टीका
√भट्टिकाव्य
√भागवृत्ति
√शतकत्रय
√ मीमांसाभाष्य
√वेदांतसूत्रवृत्ति
√शब्दधातुसमीक्षा

क्रमशः....

#मकरध्वज

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